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    आईएईए की 68वीं महासभा में डॉ. अजित कुमार मोहान्‍ती, अध्यक्ष, परमाणु ऊर्जा आयोग और सचिव, परमाणु ऊर्जा विभाग का संबोधन

    अध्‍यक्ष महोदय /उपाध्‍यक्ष महोदय, महानुभावो, देवियो और सज्जनो,
    नमस्ते! आप सभी को सुप्रभात।

    मैं, भारत सरकार की ओर से इंटरनेशनल अटॉमिक एनर्जी एजेंसी और उसके सदस्य देशों को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। यह मेरा सौभाग्‍य है कि मैं भारत का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं और मेरे समक्ष उपस्‍थ‍ित सम्‍मान्‍य श्रोताओं को यह राष्ट्रीय वक्तव्य दे रहा हूं।

    मैं, एजेंसी के नवनिर्वाचित सदस्यों का भी स्वागत करता हूं। यह हर्ष का विषय है कि दो देश अर्थात नेपाल और बहरीन को ‘मध्य पूर्व और दक्षिण एशिया (एमईएसए) समूह’ में सदस्य के रूप में सम्‍मिल‍ित किया गया है, जिससे वे एजेंसी के भीतर और अधिक सक्रिय भूमिका निभाने में सक्षम हो सकेंगे।

    अध्‍यक्ष महोदय,
    2. आईएईए के जनरल कॉन्‍फ्रेंस के अड़सठवें सत्र के अध्यक्ष पद पर आपके निर्वाचित होने पर कृपया हमारी हार्दिक बधाई स्वीकार करें। मैं आपको आश्वासन देता हूं कि एजेंसी को परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देने के प्रयासों में भारत की पूर्ण सहायता और सहयोग मिलेगा।
    3. यह वर्ष हमारे लिए विशेष है क्योंकि परमाणु ऊर्जा विभाग अपने गठन के 70वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है। जब हम अपनी यात्रा के पिछले 7 दशकों को देखते हैं, तो मुझे यह जानकर अत्‍यंत प्रसन्‍नता होती है कि हम परमाणु ऊर्जा के गुणों का उपयोग समाज और पर्यावरण के लाभ के लिए मानव जाति की सेवा में परमाणु, की सच्ची भावना से करने में समर्थ रहे हैं।
    4. मुझे यहां यह उल्लेख करते हुए गर्व हो रहा है कि भारत, परमाणु ऊर्जा के ऊर्जा और गैर-ऊर्जा अनुप्रयोगों अर्थात दोनों के लिए परमाणु विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बुनियादी और निदेशित अनुसंधान के माध्यम से अपने कार्यक्षेत्र का विस्तार कर रहा है। पिछले सम्मेलन के बाद से हमारी कुछ प्रमुख उपलब्धियों को आपसे साझा करना मेरे लिए सौभाग्य की बात होगी।

    अध्‍यक्ष महोदय,

    5. परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड (एईआरबी) ने नाभिकीय और विकिरण संस्‍थापनाओं पर नियामक निगरानी बनाए रखना जारी रखा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि गतिविधियां संरक्षित और सुरक्षित तरीके से संचालित की जा रही हैं। कुछ उल्लेखनीय विनियामक संस्‍वीकृतियों में रिएक्‍टर को पहली बार क्रांतिक होने की अनुमति देना, निम्‍न विद्युत भौतिकी प्रयोग, गुजरात राज्य में काकरापार नाभ‍िकीय विद्युत परियोजना की इकाई 4 में फेज़-सी कमीशनन और बिजली उत्‍पादन को उत्तरोत्तर बढ़ाना और प्रोटोटाइप द्रुत प्रजनक रिएक्टर में नियंत्रण और संरक्षा रॉड, ब्‍लैंकेट आदि को कोर में लोड करने की अनुमति देना सम्मि‍लित थी।

    6. न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) ने क्षमता वृद्धि की दिशा में, पिछले 1 वर्ष में काकरापार नाभ‍िकीय विद्युत स्टेशन में स्वदेशी 700 मेगावाट दाबित भारी पानी रिएक्टरों की 2 इकाइयों का वाणिज्यिक प्रचालन प्रारंभ किया है। इसके अलावा राजस्थान नाभ‍िकीय विद्युत स्टेशन में 700 मेगावाट के पीएचडब्ल्यूआर की एक अन्य इकाई में प्रारंभिक ईंधन लोडिंग पूरी हो गई है।

    7. संवृत ईंधन चक्र भारतीय परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम का प्रमुख ध्‍येय होने के नाते भाविनी द्वारा देश के पहले प्रोटोटाइप 500 मेगावाट द्रुत प्रजनक रिएक्टर में कोर लोडिंग की प्रक्रिया प्रगति पर है जो फर्स्ट-एप्रोच-टू-क्रिटिकैलिटी का मार्ग प्रशस्त करेगी।

    8. ईंधन आपूर्ति श्रृंखला को सुदृढ़ करने की दिशा में, राजस्थान के कोटा में एक ग्रीन फील्ड नाभ‍िकीय ईंधन सम्‍मिश्र अब उन्नत कमीशनन चरण में प्रवेश कर चुका है, जो मुख्य रूप से स्वदेशी रूप से निर्मित पीएचडब्ल्यूआर के आगामी फ्लीट की आवश्यकता को पूरा करेगा।

    9. आज जब भारत विकसित राष्ट्र (विकसित भारत) के रूप में स्थापित होने की दिशा में अग्रसर है, भारत सरकार ने ऊर्जा उपलब्धता को सुनिश्चित करने और जलवायु से संबंधित लक्ष्यों को पूरा करने की दोहरी चुनौती को पूरा करने के लिए अगले दो दशकों में परमाणु ऊर्जा के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका की परिकल्पना की है।
    10. उस लक्ष्य की दिशा में, हमारी सरकार ने हाल ही में (1) भारत लघु रिएक्टर की स्थापना, (2) भारत लघु मॉड्यूलर रिएक्टर के अनुसंधान और विकास तथा और (3) परमाणु ऊर्जा के लिए नई प्रौद्योगिकियों के लिए निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी करने की घोषणा की है।

    11. ऊर्जा के संक्रमणकाल में स्वच्छ हाइड्रोजन की भूमिका और स्वच्छ हाइड्रोजन के उत्पादन में परमाणु ऊर्जा का उपयोग करने की क्षमता को ध्यान में रखते हुए, भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी) ने हाइड्रोजन उत्पादन के कॉपर-क्लोरीन थर्मो-केमिकल चक्र का पायलट-स्तरीय प्रदर्शन प्रारंभ किया है। परमाणु हाइड्रोजन उत्पादन के लिए पायलट-स्तरीय एकीकृत सुविधा स्थापित और प्रारंभ की गई है।

    12. स्वास्थ्य देखभाल, खाद्य सुरक्षा और उद्योग में विकिरण प्रौद्योगिकियों के अनुप्रयोग की दिशा में, विकिरण और आइसोटोप प्रौद्योगिकी बोर्ड (BRIT) ने आईएईए के साथ मिलकर ‘मानवता के लिए परमाणु’ शीर्षक से एक जागरूकता सत्र आयोजित किया, जिसमें एजेंसी के महत्वपूर्ण कार्यक्रम अर्थात “आशा की किरणें और भोजन के लिए परमाणु” के समर्थन में अपनी उन्नत विकिरण प्रौद्योगिकी और उत्पादों का प्रदर्शन किया गया। मैं, सभी प्रतिनिधियों को 68वीं महासभा के अवसर पर लगाई गई हमारी प्रदर्शनी में आमंत्रित करता हूँ, जिसमें सामाजिक अनुप्रयोगों के लिए हमारी विकिरण प्रौद्योगिकी आधारित समाधानों का प्रदर्शन किया जाएगा।

    13. नेशनल कैंसर ग्रिड (एनसीजी) – अब टाटा मेमोरियल सेंटर के नेतृत्व में देश भर में 310 सदस्यों वाला नेटवर्क है, जिसके माध्यम से देश के कुल कैंसर रोगियों में से लगभग 60% का इलाज किया जाता है। कार्यक्रम का अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क, एनसीजी विश्वम, मानक और लागत प्रभावी कैंसर देखभाल का प्रसार करने में अपनी पहचान बना रहा है, जिससे यह विश्व स्तर पर समाज के कमजोर वर्गों को लाभ मिल रहा है।

    14. परिवर्ती ऊर्जा साइक्लोट्रॉन केन्द्र ने विकिरण एवं आइसोटोप प्रौद्योगिकी बोर्ड के सहयोग से देश में पहली बार 30MeV साइक्लोट्रॉन फेसिलिटी के प्रयोग से निम्न लागत वाले प्राकृतिक थैलियम टार्गेट का प्रयोग करते हुए इमेजिंग तथा कैंसर चिकित्सा अनुप्रयोगों के लिए SPECT रेडियोआइसोटोप लेड-203(Pb-203) का परीक्षण स्तर पर उत्पादन किया।

    15. सामाजिक अनुप्रयोगों के लिए इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केन्द्र में रेडियो आइसोटोप Y-90 और P-32 का पायलट स्केल पर उत्पादन भी प्रारंभ हो गया है।

    16. भारी पानी के सबसे बड़े वैश्विक उत्पादक भारी पानी बोर्ड (एचडब्ल्यूबी) ने विभिन्न देशों को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सहित गैर-नाभिकीय अनुप्रयोगों के लिए भारी पानी की आपूर्ति जारी रखी।

    अध्यक्ष महोदय

    17. वैश्विक नाभिकीय सहभागिता केन्द्र (जीसीएनईपी) ने हाल ही में आईएईए के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) का नवीनीकरण किया है तथा विभिन्न बहुपक्षीय कार्यक्रमों की मेजबानी करना जारी रखा है।

    18. पिछले वर्ष जी-20 शिखर सम्मेलन में भारत की अध्यक्षता जी-20 देशों द्वारा संबंधित राष्ट्रों द्वारा विद्युत उत्पादन के विभिन्न माध्यमों में परमाणु ऊर्जा का भी उपयोग करने की पुष्टि के साथ समाप्त हुई और बड़े रिएक्टरों के पूरक के रूप में छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों की भूमिका पर विशेष रूप से चर्चा हुई। मार्च 2024 में, ब्रुसेल्स में आयोजित परमाणु ऊर्जा शिखर सम्मेलन में भारत ने भाग लिया और 2070 तक सकल शून्य कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य प्राप्त करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

    19. नाभिकीय पुनर्जागरण के इस नवीन युग के प्रारंभ में भारत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के माध्यम से नाभिकीय ऊर्जा की क्षमता का दोहन करने हेतु समान विचारधारा वाली एजेंसियों तथा अन्य सदस्य देशों के साथ सहयोग करने और प्रगति, नवाचार एवं ऊर्जा संरक्षा द्वारा परिभाषित एक नए भविष्य के निर्माण में अपना योगदान देने के लिए तैयार है।

    20. इसके साथ ही मैं, अपने प्यारे देश भारत की ओर से, आईएईए की महासभा की मेजबानी के लिए विएना शहर के नागरिकों और ऑस्ट्रिया सरकार के प्रति अपनी हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करता हूँ। भारत अनुसंधान और अनुप्रयोग दोनों मोर्चों पर परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग के लिए प्रतिबद्ध है। हम 68वीं महासभा के अत्यंत सफल होने की कामना करते हैं।

    धन्यवाद और जय हिंद !

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