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    सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 4(1)(बी) के तहत सूचना

    परमाणु ऊर्जा विभाग की स्थापना 3 अगस्त, 1954 को मुंबई में मुख्यालय और नई दिल्ली में एक शाखा सचिवालय के साथ की गई थी। परमाणु ऊर्जा विभाग के कार्य निम्नलिखित अधिदेश पर आधारित हैं :

    • स्वदेशी तथा अन्य प्रमाणित प्रौद्योगिकियों के विस्तार तथा साथ ही संबद्धईंधन चक्र सुविधाओं के साथ द्रुत प्रजनक रिएक्टरों एवं थोरियम रिएक्टरों के विकास के माध्यम सेनाभिकीय विद्युत के योगदान को बढ़ाना।
    • रेडियोआइसोटोपों के उत्पादन के लिए अनुसंधान रिएक्टरों का निर्माणऔर प्रचालन करना तथा चिकित्सा, कृषि एवं उद्योग के क्षेत्रों में विकिरण प्रौद्योगिकी का अनुप्रयोगकरना।
    • त्वरकों, लेजरों, सुपर कंप्यूटरों, प्रगत सामग्रियों और यंत्रीकरण का विकासकरना तथा उद्योग क्षेत्र में प्रौद्योगिकी के अंतरण को प्रोत्साहित करना।
    • नाभिकीय ऊर्जा तथा विज्ञान के संबद्ध अग्रणी क्षेत्रों में मूलभूत अनुसंधानकरना, विश्वविद्यालयों तथा शैक्षणिक संस्थानों के साथ आपसी व्यवहार करना, परमाणु ऊर्जा विभागके कार्यक्रम से संबंधित अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं को सहायता देना और अनुसंधान केसंबद्ध प्रगत क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना तथा
    • राष्ट्र की सुरक्षा में योगदान देना।

    यह विभाग के प्रधान मंत्री के प्रभार के तहत है तथा यह विभाग परमाणु ऊर्जा आयोग (एईसी) द्वारा निर्धारित नीतियों के निष्पादन के लिए जिम्मेदार है, जिसके पास संसद द्वारा आवंटित बजट की सीमा के भीतर भारत सरकार की प्रशासनिक और वित्तीय दोनों शक्तियाँ हैं। अधिकारियों तथा कर्मचारियों के कार्य/कर्तव्य

    1. प्रशासनिक एवं काडर
      1. प्रशासन अनुभाग (प्रशा.) –परमाणु ऊर्जा विभाग केसचिवालय के कार्मिकों के सभी कार्मिक व प्रशासनिक मामले।
      2. केंद्रीयकृत काडर अनुभाग (सीसीएस) –केंद्रीयकृत काडरअधिकारियों की नियुक्ति/पदोन्नति से संबंधित सभी मामले
      3. सचिवालय सहायता अनुभाग (एसएसएस) –सचिवालय सेसंबंधित सामान्य प्रशासन जैसे कि परिवहन, टेलीफोन, हाउसकीपिंग आदि
      4. सतर्कता अनुभाग (वीआईजी) –विभाग तथा विभाग कीइकाइयों के सभी ग्रुप – ए अधिकारियों के सतर्कता / अनुशासनात्मक मामले
      5. सेवा इकाई अनुभाग (एसयूएस) – खरीद और भंडार,निर्माण, सेवा और संपदा प्रबंधन तथा सामान्य सेवाओं से संबंधित विभाग की इकाइयों से संबंधितसभी मामले।
      6. सचिवालय समन्वयन अनुभाग (एससीएस) – सचिवालयके भीतर सभी अनुभागों, विभाग की सभी इकाइयों और केंद्र सरकार के अन्य मंत्रालयों/विभागों केसाथ समन्वय।
      7. औद्योगिक संबंध एवं कल्याण अनुभाग (आईआरएण्डडब्ल्यू)– सेवा संघों/यूनियनों से संबंधित सभी मामले, जेसीएम मामले और अन्य कल्याणकारी मामले जैसेस्वास्थ्य, परिवार राहत योजना
      8. संसद अनुभाग –संसद से संबंधित सभी मामले
      9. हिंदी अनुभाग –राजभाषा का अनुपालन
      10. प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान (एटीआई) – एटीआई परमाणु ऊर्जा विभाग के प्रशासन, लेखा, सुरक्षा और खरीद और भंडार संवर्गों को विभाग विशिष्ट प्रेरण और अभिविन्यास प्रशिक्षण प्रदान करने में लगा हुआ है। एटीआई डीएई के वैज्ञानिक, तकनीकी, चिकित्सा, पैरा-मेडिकल संवर्गों के लाभ के लिए कार्यात्मक और सॉफ्ट कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित करता है और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और डीएई के सहायता प्राप्त संस्थानों में सभी कर्मचारियों की प्रशिक्षण और विकास आवश्यकताओं को भी पूरा करता है।
    2. बाहृय संपर्क एवं पावर
      1. बाहरी संबंध- I (ईआर- I) – डीएई के संबंध में अधिनियम और नियमों से संबंधित मामले, अन्य देशों के साथ सहयोग, एईआरबी, आईएईए सामान्य सम्मेलन से संबंधित मामले
      2. बाहरी संबंध- II (ईआर- II) – विदेशों में प्रतिनियुक्ति / विदेश दौरे, डीएई इकाइयों में विदेशियों की यात्रा, आईएईए बजट, फेलोशिप आदि से संबंधित मामले
      3. पावर अनुभाग (पी) – –न्यूक्लियर कॉरपोरेशन ऑफइण्डिया लि. (एनपीसीआईएल) तथा भारतीय नाभिकीय विद्युत निगम लि. (भाविनी) से संबंधितसभी मामले.
    3. उद्योग एवं खनिज अनुभाग
      1. उद्योग एवं खनिज अनुभाग (आईएण्डएम) –नाभिकीयईंधन सम्मिश्र (एनएफसी), परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय (एएमडी), विकिरणएवं आइसोटोप प्रौद्योगिकी बोर्ड (ब्रिट), भारी पानी बोर्ड (एचडब्ल्यूबी) से संबंधित सभीमामले
      2. सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) – इंडियन रेयर अर्थलिमिटेड (आईआरईएल), इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल) औरयूरेनियम कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (यूसीआईएल) से संबंधित सभी मामले
    4. अनुसंधान एवं विकास
      1. अनुसंधान एवं विकास अनुभाग – I (R & D-I) – भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC), इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केंद्र (IGCAR), उन्नत प्रौद्योगिकी केंद्र (CAT) और परिवर्तनीय ऊर्जा साइक्लोट्रॉन केंद्र (VECC) से संबंधित सभी मामले।
      2. अनुसंधान एवं विकास अनुभाग – II (R & D-II) – इस विभाग के तहत कार्यरत 8 स्वायत्त संस्थानों से संबंधित सभी मामले, परमाणु विज्ञान अनुसंधान बोर्ड (BRNS), राष्ट्रीय उच्च गणित बोर्ड (NBHM)।
      3. अनुसंधान और विकास अनुभाग – III (आर एंड डी-III) – चार सहायता प्राप्त संस्थानों से संबंधित सभी मामले, होमी भाभा राष्ट्रीय संस्थान (एचबीएनआई), परमाणु ऊर्जा शिक्षा सोसायटी (एईईएस), टाटा मेमोरियल सेंटर (टीएमसी) और विश्वविद्यालय मुंबई-डीएई-सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन बेसिक साइंसेज (यूएम-डीएई-सीईबीएस) और राजा रमन्ना फैलोशिप (आरआरएफ) और होमी भाभा चेयर (एचबीसी) से संबंधित मामले।
    5. केन्द्रीयकृत सुरक्षा अनुभाग – –परमाणु ऊर्जा विभाग केसचिवालय तथा इसकी इकाइयों में सुरक्षा से संबंधित सभी मामले
    6. संगठन एवं पद्धति अनुभाग (ओएण्डएम) –प्रशिक्षण सेसंबंधित सभी मामले
    7. लेखा
      1. बजट अनुभाग –बजट व प्लानिंग से संबंधित सभीमामले
      2. वित्त एवं लेखा अनुभाग –वित्त व लेखा से संबंधित सभीमामले
      3. नियंत्रण अनुभाग –व्यय से संबंधित सभी मामले
      4. वेतन अनुभाग – वेतन से संबंधित सभी मामले
      5. चेक अनुभाग नगद व चेक से संबंधित सभी मामले
      6. बिल अनुभाग –कार्मिकों से दावों से संबंधित से संबंधितसभी मामले
      7. आंतरिक निरीक्षण स्कंध (आईआईडब्ल्यू) –परमाणु ऊर्जाविभाग के सभी इकाइयों के खातों के निरीक्षण से संबंधित सभी मामले। स्कंध के मुख्यालय मुंबईतथा हैदराबाद में हैं।
    8. नाभिकीय नियंत्रण एवं आयोजना स्कंध (एनसीपीडब्ल्यू) भारत के असैन्य परमाणु कार्यक्रम के अनुमानित विस्तार, बढ़ती बाहरी व्यस्तताओं और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में तकनीकी-कानूनी ढांचे के विकास से उत्पन्न होने वाली वैधानिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए स्थापित किया गया
      1. संस्थागत सहयोग एवं कार्यक्रम प्रभाग (आईसीपीडी) –
        – राष्ट्रीय संस्थानों/विभागों जैसे डीएसटी, अंतर-विश्वविद्यालय (अनुसंधान एवं विकास अनुभागों के साथ) संकाय के साथ सहयोग।
        – आइटर, सर्न, फेयर, जेएचआर आदि जैसे अंतरराष्ट्रीय संस्थानों/संगठनों के साथ सहयोग और मल्टीलेटरल/मेगा साइंस परियोजनाओं (ईआरडी व आरएंडडी अनुभाग सहित) में भारत से प्रतिभागिता को सुविधाजनक बनाना।
        – विज्ञान से संबंधि‍त अनुसंधान एवं विकास पहलें जैसे आईएईए आरसीए समन्वय में सहयोग हेतु द्विपक्षीय करारों में बातचीत करना और कार्यान्वयन करना।
        – पऊवि योजना परियोजनाएं और संबंधि‍त गतिविधियाँ तैयार करना/बनाना, मॉनीटरन करना एवं समीक्षा करना।
        – मानव संसाधन विकास के लिए कार्यनीति तैयार करना और आईपीआर प्रबंधन (ईआरडी एवं एनएलडी सहित) को सहायता देना।
      2. अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एवं संरक्षोपाय प्रभाग (आईसीएसडी) –
        – नाभिकीय ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग और उनके कार्यान्वयन (ईआरडी के साथ) को सुविधाजनक बनाने से संबंधित अंतर-सरकारी असैन्य परमाणु सहयोग समझौतों पर बातचीत करना
        – आईएईए, एनएसजी आदि जैसी बहुपक्षीय एजेंसियों (ईआरडी के साथ) के साथ असैन्य परमाणु सहयोग समझौतों पर बातचीत और कार्यान्वयन
        – आईएईए देश में नाभिकीय सामग्री के लेखांकन तथा सुरक्षित परमाणु सुविधाओं और सामग्रियों के नियंत्रण सहित कार्यान्वयन के सुरक्षोपाय करता है।
        – आईएईए के सुरक्षोपाय के तहत न आने वाली नाभिकीय सुविधाओं के लिए घरेलू सुरक्षोपाय करना।
        – ईआरडी के साथ जीसीएनईपी के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को सुविधाजनक बनाना
      3. संरक्षा एवं सुरक्षा अध्ययन प्रभाग (एसएसएसडी) –
        – परमाणु ऊर्जा विभाग और देश में नाभिकीय संरक्षा से संबंधित प्रासंगिक एजेंसियों के बीच समन्वय।
        – भारत में सभी नाभिकीय सुविधाओं और सामग्रियों की सुरक्षा के लिए नीति निर्माण से संबंधित मुद्दों पर ध्यान देना।
        – नाभिकीय ऊर्जा से संबंधित दोहरे उपयोग की वस्तुओं के नियंत्रण सहित निर्धारित पदार्थों, निर्धारित उपकरणों और संबंधित प्रौद्योगिकी के निर्यात को अधिकृत करना।
        – परमाणु आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए वैश्विक पहल (GICNT) सहित परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन प्रक्रिया से संबंधित गतिविधियाँ।
      4. विज्ञान संचार, जनसंपर्क, और जनसहभागिता (एससीओपीई) – विज्ञान संचार से संबंधित मामले और डीएई सोशल मीडिया हैंडल और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म को बनाए रखने के लिए समन्वय, रचनात्मक अवधारणाओं का विकास और विभाग की विज्ञान प्रदर्शनी दीर्घाओं/परमाणु ऊर्जा अन्वेषण के लिए समन्वय, फिल्मों के लिए इलेक्ट्रॉनिक सामग्री का विकास, विज्ञान प्रदर्शनी दीर्घाओं, सोशल मीडिया और सार्वजनिक पहुंच से संबंधित प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, डीएई टेक्नोलॉजीज आदि के व्यापक व्यावसायिक अनुकूलन के लिए प्रस्तावों का प्रसंस्करण।
      5. कंप्यूटर एवं सूचना प्रणाली प्रभाग (सीआईएसडी) –
        – परमाणु ऊर्जा विभाग सचिवालय और इसकी इकाइयों/संस्थानों/उपक्रमों में साइबर सुरक्षा मुद्दे से संबंधित राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा एजेंसी के साथ समन्वय
        – परमाणु ऊर्जा विभाग सचिवालय में आईटी सेवाओं में वृद्धि एवं सुचारू कामकाज और विभाग में उपयोगकर्ताओं के लिए तकनीकी सहायता।
      6. आपदा प्रबंधन समूह (सीएमजी) –
        – राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय संकट/आपदा प्रबंधन एजेंसियों के साथ समन्वय करना और सार्वजनिक डोमेन में विकिरण आपात स्थिति के प्रबंधन में अनुक्रिया एजेंसियों को तकनीकी सहायता प्रदान करना।
        – नाभिकीय और रेडियोलॉजिकल आपात स्थितियों को कम करने के लिए तैयारी, योजना और क्षमता विकास कार्यक्रम चलाना
        – ऑफ-साइट आपातकालीन अनुक्रिया योजनाओं के समन्वय तंत्र में कमियों की पहचान करना और उन्हें दूर करना।
        – परमाणु ऊर्जा विभाग की किसी भी इकाई में आपदा जैसी स्थितियों में डीएमसी (आपदा प्रबंधन सेल) की भूमिका निभाना
        – प्रारंभिक अधिसूचना और सहायता पर सम्मेलनों के लिए आईएईए के साथ समन्वय करना।
      7. जन जागरुकता प्रभाग (पीएडी) –
        – ग्रीनहाउस गैसों को रोकने के लिए एक स्वच्छ और हरित ऊर्जा स्रोत के रूप में नाभिकीय ऊर्जा के लिए जागरूकता और परमाणु ऊर्जा के प्रति भय को दूर करने के लिए जागरूकता उत्पन्न करना।
        – सामाजिक लाभ और प्रदर्शनियों के आयोजन के लिए परमाणु ऊर्जा विभाग इकाइयों द्वारा विकसित स्वदेशी प्रौद्योगिकियों/उत्पादों और परमाणु ऊर्जा विभाग की स्पिन-ऑफ प्रौद्योगिकियों को प्रोत्साहित करना ।
        – कैंसर की रोकथाम के लिए रेडियोफार्मास्यूटिकल के उपयोग के बारे में जागरूकता फैलाना।

    सचिव, परमाणु ऊर्जा विभाग, विभाग के प्रमुख हैं और उप-सचिव (प्रशासन) सचिवालय में कार्यालय प्रमुख हैं। संबंधित अनुभाग से संबंधित मामलों को अवर सचिवों, उप सचिवों और संयुक्त सचिव / अतिरिक्त सचिवों को संगठनात्मक चार्ट में विस्तृत रूप से प्रस्तुत किया गया है (अनुलग्नक – I (308) KB (25/06/2021 ) अनुलग्नक – II (338 KB) (06/05/2015). संसद से संबंधित मामले सचिव के अनुमोदन के बाद राज्य मंत्री को प्रस्तुत किए जाते हैं

    कार्यालय प्रक्रिया नियमावली के तहत निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार।

    भारत सरकार (व्यवसाय का आवंटन) नियम, 1961 भारत सरकार (कार्य का संचालन) नियम, 1961
    परमाणु ऊर्जा अधिनियम, 1962 और उसके तहत बनाए गए नियम
    कार्यालय प्रक्रिया का मैनुअल
    वित्तीय शक्तियों का प्रयोग (डीएई) नियम, 1978
    सभी केंद्रीय सिविल सेवा नियम

    प्रत्येक अनुभाग के भीतर निपटाए गए विषय पर फाइलें, सरकार द्वारा प्रकाशित नियम और प्रक्रियाएं तथा विभाग के प्रकाशन।

    परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) के पास नाभिकीयऊर्जा प्रौद्योगिकी विकसित करने, समाज के व्यापक लाभ के लिए विकिरण और रेडियो-आइसोटोप प्रौद्योगिकी लागू करने और विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के अग्रणी क्षेत्रों में बुनियादी अनुसंधान को आगे बढ़ाने का जनादेश है। ये परमाणु ऊर्जा विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत विभिन्न अनुसंधान केंद्रों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, औद्योगिक इकाइयों और सहायता प्राप्त संस्थानों में किए जाते हैं। इसकी गतिविधियों की प्रकृति इसकी नीति के निर्माण या कार्यान्वयन के संबंध में सार्वजनिक इंटरफ़ेस को सीमित करती है।

    अनुसंधान केंद्रों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, औद्योगिक संगठनों और सहायता प्राप्त संस्थानों के लिए गठित बोर्ड/परिषदके सदस्यों में वैज्ञानिक/इंजीनियर और प्रतिनिधि शामिल हैं, जो बिजली उत्पादन के लिए परमाणु ऊर्जा का उपयोग करने और परमाणु और अन्य उन्नत प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए डीएई के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए शामिल हैं। स्वास्थ्य देखभाल, कृषि, उद्योग, अनुसंधानऔर अन्य क्षेत्रों में उपयोग और बैठकें/कार्यवृत्त केवल अधिकृत सदस्यों के लिए सुलभ हैं। इसके अलावा, विभाग के परमाणु विज्ञान अनुसंधान बोर्ड (बीआरएनएस) और उच्च गणित के लिए राष्ट्रीय बोर्ड (एनबीएचएम) परमाणु और संबद्ध क्षेत्रों और गणित में अनुसंधान को बढ़ावा देते हैं।

    डीएई सचिवालय के सीधे टेलीफोन नंबर अधिकारी अनुबंध-III A(121 KB) (05/04/2024)
    अधिकारियों के टेलीफोन नंबर अनुबंध-III B (148 KB) (05/04/2024)

    डीएई के कार्यक्रम परमाणु ऊर्जा उत्पादन, विकिरण प्रौद्योगिकियों और अनुप्रयोगों, बुनियादी अनुसंधान, अनुसंधान शिक्षा लिंकेज तथाबुनियादी ढांचे से संबंधित हैं और विभाग द्वारा कोई सब्सिडी कार्यक्रम नहीं चलाया जाता है।

    भर्ती/पदोन्नति के मामले में सरकारी नीति के अनुसार आयु/परीक्षा उत्तीर्ण करने के मानक में छूट अनुमत है। परमाणु ऊर्जा (खान, खनिज और निर्धारित पदार्थों की हैंडलिंग) नियम, 1984 के तहत निहित प्रावधानों के अनुसार खनन, मिलिंग, प्रसंस्करण और/या निर्धारित पदार्थों के संचालन के लिए लाइसेंस।

    अतिरिक्त जानकारी इस वेबसाइट के अन्य भागों में उपलब्ध है|(http://www.dae.gov.in).

    नागरिक इस वेबसाइट से या डाक द्वारा या ई-मेल द्वारा पीआईओ से अनुरोध करके जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

    आरटीआई अधिनियम के तहत नामित पीआईओ और अन्य प्राधिकरणों का विवरण डीएई सचिवालय के संबंध में
    अनुलग्नक – VI(251 KB) (01/11/2024) में प्रस्तुत किया गया है। और अनुलग्नक – VII(17 KB) (30/04/2024)में विभाग की सभी इकाइयों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, स्वायत्त संस्थानों के संबंध में।

    डीएई द्वारा किए गए अनुबंधों का विवरण
    जीईएम के माध्यम से अनुबंधअनुलग्नक – IX (2 MB) (08/04/2024)
    जीईएम के अलावा अन्य कार्य आदेशअनुलग्नक – X (281 KB) (08/04/2024)

    1. मामूली दंड या बड़ी दंड कार्यवाही के लिए लंबित।
    2. मामूली दंड या बड़ी दंड कार्यवाही के लिए अंतिम रूप दिया गया।

    जहां तक ​​डीएई सचिवालय का संबंध है, सूचना “शून्य” है