कोलोनोक्स का शुभारंभ – मधुमेह जनित पैर अल्सर (डीएफयू) के लिए उन्नत नाइट्रिक ऑक्साइड-उत्सर्जित करने वाला घाव ड्रेसिंग
परमाणु ऊर्जा विभाग ने कोलोजेनेसिस प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से कोलोनोक्स के वाणिज्यिक शुभारंभ की घोषणा की है, जो भारत में प्रभावी मधुमेह जनित पैर के अल्सर (डीएफयू) उपचार की महत्वपूर्ण आवश्यकता को पूरा करने के लिए तैयार किया गया नवोन्मेष नाइट्रिक ऑक्साइड-उत्सर्जित करने वाला घाव ड्रेसिंग है। भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी) (भारतीय पेटेंट संख्या 300809, सितंबर 2018) द्वारा विकसित प्रौद्योगिकी, आरम्भ में कोलोजेनेसिस हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड के साथ संसाधित की गई थी, जिन्होंने चरण II और III के नैदानिक परीक्षण किए। सफल परीक्षण के बाद, बीएआरसी के प्रौद्योगिकी हस्तांतरण कार्यक्रम के तहत कोलोजेनेसिस प्राइवेट लिमिटेड को अनन्य रूप से लाइसेंस प्रदान किया गया। यह घाव देखभाल प्रौद्योगिकी में एक महत्वपूर्ण उन्नति का प्रतिनिधित्व करता है और यह भारत में इस प्रकार की पहली प्रौद्योगिकी है। वर्तमान में, कोलोजेनेसिस प्राइवेट लिमिटेड ने भारत में NOx उत्सर्जित करने वाली घाव ड्रेसिंग के विनिर्माण और वाणिज्यिकरण के लिए डीसीजीआई (सीडीएससीओ) लाइसेंस (अनुमति संख्या: MFG/MD/2024/000647) प्राप्त किया है।
मधुमेह की व्यापकता के कारण भारत में स्वास्थ्य क्षेत्र एक बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है, जहाँ कई व्यक्तियों में डीएफयू विकसित होने का जोखिम है जिसके लिए विशिष्ट और प्रभावी उपचार की आवश्यकता होती है। कोलोनोक्स, चिकित्सकीय रूप से अनुकूलित नाइट्रिक ऑक्साइड (NOx) को सीधे घाव तक पहुँचाकर डीएफयू प्रबंधन के लिए एक अभिनव दृष्टिकोण प्रदान करता है। यह उन्नत घाव ड्रेसिंग नाइट्रिक ऑक्साइड के प्रभावयुक्त रोगाणुरोधी और पुनिर्योजी गुणधर्मों के साथ-साथ कोलेजन के सिद्ध घाव-उपचार लाभों द्वारा उपचार को बढ़ावा देती है। कोलेजन हाइड्रोजेल दर्द को कम करने और घाव के स्राव को अवशोषित करने में भी सहायक है, जिससे एक अनुकूलित उपचार वातावरण बनता है, यह जानकारी कोलोजेनेसिस हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड, सेलम, तमिलनाडु के निदेशक श्री कृष्ण कुमार ने दी, जो उत्पाद शुभारंभ कार्यक्रम में उपस्थित थे।
शुभारंभ कार्यक्रम में, सचिव, परमाणु ऊर्जा विभाग और अध्यक्ष, परमाणु ऊर्जा आयोग डॉ. अजित कुमार मोहान्ती ने अभिव्यक्त किया कि कोलोनोक्स का शुभारंभ भारत में प्रभावी और किफायती मधुमेह जनित पैर के अल्सर (डीएफयू) के उपचार की अत्यावश्यकता को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है। उन्होंने यह भी कहा, “यह पहल हमारे उद्देश्य ‘राष्ट्र की सेवा में परमाणु’ के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जहां हम समाज की उन्नति के लिए वैज्ञानिक नवोन्मेषी का उपयोग करने के लिए प्रयासरत हैं।” यह भारत सरकार की ‘भारत में निर्माण (मेकिंग इन इंडिया)’ और ‘विश्व के लिए निर्माण (मेक फॉर द वर्ल्ड)’ पहल के लिए भी उदाहरण प्रस्तुत करता है। बीएआरसी के निदेशक श्री विवेक भसीन ने इस आधुनिक युक्ति को कोलोनोक्स के रूप में प्रयोगशाला से वाणिज्यिक वास्तविकता में सफलतापूर्वक अंतरण करने के लिए बीएआरसी और कोलोजेनेसिस हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड के वैज्ञानिकों के सहयोगात्मक प्रयासों की प्रशंसा की। इससे मधुमेह जनित पैर के अल्सर के उपचार में निश्चित रूप से सुधार होगा और यह पैर को होने वाली क्षति को न्यूनतम करेगा।